
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो की विवादित टिप्पणी ने भारत-अमेरिका संबंधों में गर्मी ला दी है। नवारो ने रूसी तेल की खरीद में भारत की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ब्राह्मण समुदाय को मुनाफाखोर बताया था। इस पर भारत सरकार ने सख्त आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय का सख्त जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा, “हमने ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो के गलत और भ्रामक बयानों को देखा है और स्पष्ट रूप से हम उन्हें अस्वीकार करते हैं।”
जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी बहुत मजबूत है और ऐसे बयान हमारे संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकते।
‘अमेरिका के साथ रिश्ते रहेंगे मजबूत’
रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि, “हम व्यापार और कूटनीति जैसे मुद्दों पर अमेरिका के साथ संवाद जारी रखेंगे। क्वाड हमारे साझा हितों का मंच है।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि भारत अपने रुख पर कायम है लेकिन अमेरिका से रिश्तों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।
ट्रंप बोले, ‘हमने भारत को खो दिया…’
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की एक फोटो शेयर कर लिखा, “We have lost India…”
जिससे संकेत मिला कि अमेरिका अब भारत को रूस और चीन के खेमे में जाता देख रहा है।
सैन्य अभ्यास और डिप्लोमेसी की मजबूती
रणधीर जायसवाल ने कहा कि, “हमारा ध्यान उस ठोस एजेंडे पर है जिसके लिए भारत और अमेरिका प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने अमेरिका के अलास्का में चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास का उदाहरण देते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच सैन्य और रणनीतिक सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।
कूटनीति के मंच पर भारत आत्मनिर्भर
भारत ने अमेरिका को यह साफ संकेत दे दिया है कि चाहे बयानबाजी कुछ भी हो, वह न तो दबाव में आने वाला है, न ही चुप बैठने वाला।
ऐसे में अब देखना होगा कि अमेरिका की अगली प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या पीटर नवारो अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हैं।
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